सिफलिस एक यौन संचारित संक्रमण है जिसका एंटीबायोटिक दवाओं से इलाज और इलाज किया जा सकता है। यदि इसका इलाज नहीं किया जाता है तो यह दिमाग, रीढ़ की हड्डी और अन्य अंगों को प्रभावित कर सकता है। कंडोम और बांधों के उपयोग से संचरण को रोका जा सकता है।
सिफलिस एक अत्यधिक संक्रामक यौन संचारी संक्रमण (एसटीआई) है जो बैक्टीरिया ट्रेपोनेमा पैलिडम के कारण होता है। सिफलिस का इलाज और उपचार एंटीबायोटिक दवाओं के साथ किया जा सकता है। उपचार के बिना, सिफलिस रोग से गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा हो सकती हैं।
सिफलिस निम्नलिखित तरीकों से फैलता है:
कभी-कभी सिफलिस से ग्रस्त लोगों में कोई लक्षण नहीं होते हैं। इसका मतलब यह है कि हो सकता है कि लोगों को तब तक पता नहीं हो कि उन्हें यह बीमारी है जब तक कि वे रक्त परीक्षण (बल्ड टेस्ट) नहीं करवाते हैं। संक्रमण के तीन चरण हैं जिन्हें प्राथमिक, द्वितीयक और तृतीयक सिफलिस के रूप में जाना जाता है।
संक्रमण के प्रत्येक चरण के अलग-अलग लक्षण होते हैं।
सामान्य लक्षणों में शामिल हैं:
यदि इसका इलाज नहीं किया जाता है, तो संक्रमण जानलेवा हो सकता है। यह मस्तिष्क, नसों, आंखों, हृदय, रक्त वाहिकाओं, रीढ़ की हड्डी, यकृत (जिगर), हड्डियों और जोड़ों में फैल सकता है। इस चरण को तृतीयक सिफलिस (tertiary syphilis) कहा जाता है।
सिफलिस संक्रमण के किसी भी चरण में तंत्रिका तंत्र (मस्तिष्क, रीढ़ की हड्डी और नसों) में फैल सकता है। इसे न्यूरोसिफलिस कहा जाता है। लक्षणों में सिरदर्द, व्यवहार में बदलाव, मांसपेशियों की गतिविधियों को समन्वयित करने में कठिनाई, पक्षाघात (लकवा), सुन्नता (संज्ञाहीनता) और मनोभ्रंश (डिमेंशिया) शामिल हो सकते हैं।
सिफलिस संक्रमण के किसी भी चरण में आंखों में फैल सकता है (इसे ओकुलर सिफलिस कहा जाता है)। लक्षणों में नज़र का खो जाना, दृष्टि धुंधली हो जाना, आंखों में दर्द होना, आंखें लाल होना या यहाँ तक कि स्थायी रूप से नेत्रहीनता होना शामिल हो सकता है।
सभी यौन सक्रिय लोगों को संक्रमण का खतरा होता है। सिफलिस से संक्रमित होने के सबसे अधिक जोखिम वाले लोगों में शामिल हैं:
निम्नलिखित कदम उठाकर सिफलिस संक्रमण की रोकथाम की जा सकती है:
इलाज न किया गया सिफलिस बहुत गंभीर हो सकता है। अपने डॉक्टर के साथ नियमित रूप से STI चेक-अप (जांच) (सिफलिस बल्ड टेस्ट सहित) करवाने से शुरूआत में ही सिफलिस की पहचान और इलाज किए जाने में सहायता मिल सकती है।
गर्भवती लोगों का निम्नलिखित अवधियों में सिफलिस के लिए परीक्षण (टेस्ट) किया जाना चाहिए:
सिफलिस का उपचार सुरक्षित है। यदि गर्भावस्था के प्रारंभिक चरण के दौरान सिफलिस का इलाज किया जाता है, तो यह अजन्मे शिशुओं में सिफलिस की रोकथाम करने में बहुत प्रभावी होता है। जितनी जल्दी संक्रमण का इलाज किया जाता है, शिशु के सिफलिस से प्रभावित होने का खतरा उतना ही कम होता है।
यदि गर्भवती व्यक्ति सिफलिस से पीड़ित है, तो यह संक्रमण अजन्मे शिशु में जा सकता है (इसे जन्मजात सिफलिस कहा जाता है)। संक्रमित भ्रूण की गर्भ में मृत्यु हो सकती है (मृतजन्म), या हो सकता है कि शिशु का जन्म निर्धारित समय से पहले हो और उसे जन्म के समय विकृतियाँ हों। जन्मजात सिफलिस के साथ पैदा होने वाले शिशुओं में विकृत हड्डियां, गंभीर एनीमिया (कम रक्त कण [ब्लड काउंट]), बढ़ा हुआ यकृत [जिगर] या प्लीहा, त्वचा या आंखों का पीला पड़ना (पीलिया), मस्तिष्क और तंत्रिका संबंधी समस्याएं जैसे नेत्रहीनता और बहरापन, मस्तिष्क के आवरण का संक्रमण (मेनिन्जाइटिस) या त्वचा पर रैश (दाने) हो सकते हैं। यदि इन शिशुओं का इलाज नहीं किया जाता है, तो वे विकासात्मक विलंब से ग्रस्त हो सकते हैं, उन्हें दौरे पड़ सकते हैं या उनकी मृत्यु हो सकती है।
सिफलिस का निदान आपके डॉक्टर या नर्स के साथ एक प्रयोगशाला परीक्षण द्वारा किया जाता है। सिफलिस के लिए परीक्षण (टेस्ट) निम्नलिखित तरीकों से किया जा सकता है:
नमूने को फिर परीक्षण (टेस्टिंग) के लिए एक प्रयोगशाला में भेजा जाता है। वर्तमान में कोई विश्वसनीय सेल्फ-टेस्ट (अपने आप से किए जाने वाले परीक्षण) ऑस्ट्रेलिया में उपयोग के लिए अनुमोदित नहीं हैं।
यदि आपके शरीर में अल्सर या घाव है, तो यह सुझाव दिया जाता है कि आप अल्सर या घाव का एक स्वाब दें। ऐसा इसलिए है क्योंकि रक्त परीक्षण में पॉज़िटिव परिणाम आने में अधिक समय लग सकता है। इस वजह से, आपका डॉक्टर या नर्स हाल ही में हुए एक्सपोजर (संपर्क) के 12 सप्ताह बाद फिर से परीक्षण (टेस्ट) करवाने की सिफारिश कर सकते हैं।
अपने आस-पास एक परीक्षण सेवा का पता लगाने के लिए healthdirect (1800 022 222) को कॉल करें।
सिफलिस का इलाज आमतौर पर पेनिसिलिन के इंजेक्शन लगाकर किया जाता है। पेनिसिलिन एक एंटीबायोटिक है। संक्रमण के चरण के आधार पर इंजेक्शनों की संख्या अलग-अलग होगी। यह जांचने के लिए इलाज कारगर रहा है, आगे और रक्त परीक्षण करने की आवश्यकता होती है।
जो लोग सिफलिस से ग्रस्त हो चुकें हैं, वे फिर से इससे ग्रस्त हो सकते हैं। जो लोग सिफलिस से ग्रस्त हो चुकें हैं, हो सकता है ठीक होने के बाद भी रक्त परीक्षण का उनका परिणाम पॉज़िटिव आना जारी रहे। उपचार के इतिहास और रक्त परीक्षणों का संयोजन यह निर्धारित करने में मदद कर सकता है कि क्या यह एक नया संंक्रमण है या फिर पहले से इलाज किया गया संक्रमण है।
यौन पार्टनरों (साथियों) का परीक्षण (टेस्ट) और उपचार किए जाने की आवश्यकता है। यह पुन:संक्रमण को रोकने और अन्य लोगों में संक्रमण के फैलने की रोकथाम करने के लिए महत्वपूर्ण होता है।
यदि आप सिफलिस से ग्रस्त हैं, तो आपको निम्नलिखित कदम उठाने चाहिए: